प्रकृति को ही ईश्वर का रूप माना जाता हैं और जब भी हम प्रकृति के समीप जाते हैं तो एक अलग सी सुख,
शांति और समृद्धि की अनुभूति करते हैं. इसे पैसे या धन दौलत से नही खरीदा जा सकता हैं. उन लोगो का
जीवन बहुत बड़ा होता हैं जिनका जन्म और मृत्यु प्रकृति की गोद में होता हैं. प्रकृति मनुष्य को बहुत कुछ
सिखाती हैं लेकिन मनुष्य उसे नजरअंदाज कर देता हैं. प्रकृति से प्रेम ही मानव जाति के लिए हितकर हैं